इंदौर ।
प्रदेश में लम्बे अरसे बाद ऐसा हो रहा है जब किसी पुलिस अफसर का नाम सुनते ही शहर के गुंडे-बदमाश थर-थर कांपने लगे हैं। डीआईजी इंदौर हरिनारायणचारी मिश्रा की कार्रवाई का खौफ इन दिनों इंदौर के हर नामी-गिरामी बदमाश और गुंडों के चेहरे पर दिखाई देने लगा है। प्रदेश में अपराधों के मामले में इंदौर हमेशा ही नंबर वन रहा है। बदमाशों में इनता खौफ है कि वे डीआईजी से गुहार लगा रहे हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई न की जाए, पुलिस चाहे तो वे शहर छोड़ने को भी तैयार है। यह बात वे शपथ पत्र में भी लिख कर दे रहे हैं। इंदौर में लम्बे समय से रंगदारी करने वाले, चोरी, लूट, हफ्तावसूली करने वाले, अडीबाजी करने वाले गुंडों के अलावा लोगों की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करने वाले गुंडों-बदमाशों की हालत इन दिनों पतली है। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने इंदौर ने यहां के नामी-गिरामी बदमाशों की अपराध और उनके नाम-पते ठिकाने की जानकारी निकलवाई। बदमाशों के काले कारनामों की उन्होंने कुंडली खंगाली। इसके बाद नगर निगम इंदौर से इनकी प्रापर्टी की जानकारी ली। बदमाशों को लेकर करीब दो महीने के होमवर्क के बाद इंदौर डीआईजी की कार्रवाई शुरू हुई। मिश्रा ने नगर निगम के साथ मिलकर इन बदमाशों की अवैध कब्जे वाले मकानों को तोड़ना शुरू किया। सोमवार को ही शहर के नामी बदमाश जग्गा पहलवान का एक एकड़ में बना बाड़ा तोड़ दिया गया। जग्गा ने यह बाड़ा एक कम्पनी की जमीन पर दादागिरी के दम पर कब्जा कर लिया था। डीआईजी के निर्देश पर अब तक आठ बदमाशों के अवैध मकान, दुकान तोड़ी जा चुकी है। डीआईजी की इस कार्रवाई ने बदमाशों की कमर तोड़ दी है। वे डीआईजी के पास कार्रवाई रोकने की गुहार लगाने पहुंच रहे हैं, लेकिन बदमाशों के अवैध कब्जे, अवैध अतिक्रमण पर डीआईजी पसीज नहीं रहे। नतीजे में बदमाश उन्हें शपथपत्र दे रहे हैं कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई न की जाए। वे इंदौर छोड़कर जाने का वादा भी शपथपत्र देकर कर रहे हैं।