अमृतसर |
महाराष्ट्र के स्कूल में 9वीं कक्षा की इतिहास और राजनीति शास्त्र की किताब के पन्ना नंबर छह और दस पर संत जरनैल सिंह भिंडरांवाले को अातंकी बताए जाने पर दमदमी टकसाल ने ऐतराज़ जाहिर करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े तथा इससे संबंधित पक्ष को पत्र भेज कर किताब में से उपरोक्त बात हटाने की अपील की है। टकसाल ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों में पाठ्यक्रम में संशोधन न किया गया तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा। टकसाल के प्रमुख हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि महाराष्ट्र के स्कूलों में पढ़ाई जा रही स्टेट ब्यूरो ऑफ टेक्स्ट बोर्ड की किताब में संत जरनैल सिंह के लिए ‘अतंकवादी ’ शब्द इस्तेमाल किया गया है, जबकि भारत सरकार और सूबा सरकार के पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं है और न किसी थाने में कोई एफ.आई.आर. दर्ज है। उन्होंने कहा कि इस गलत जानकारी के साथ विद्यार्थियों में सिख भाईचारे बारे गलत भावना और नफरत पैदा हो सकती है। इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें महाराष्ट्र के सिख नेता जसपाल सिंह सिद्धू, चरनजीत सिंह हैपी (गुरुद्वारा समिति, कुमोठा के प्रधान), इंद्रजीत सिंह बल्ल और मलकीयत सिंह बल शामिल हैं। दमदमी टकसाल के प्रमुख ने शिरोमणि समिति की तरफ से धार्मिक फौजियों की यादगार बनाने के फैसले की प्रशंसा की और लुधियाना में पादरी के कत्ल की निंदा करते पीड़ित परिवार के लिए सांत्वना अभिव्यक्त की।