इंदौर |
बेटे के की चाह में 2 साल के मासूम बच्चे की बलि चढ़ाकर क्रूर तरीके से हत्या के आरोप में पुलिस ने अंधविश्वासी स्कूल बस ड्राइवर और उसकी 2 पत्नियों को आज गिरफ्तार किया। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि इस दिल दहला देने वाले मामले में एक निजी स्कूल की बस चालक दिलीप बागरी (36) और उसकी दो पत्नियों संतोष बाई (28) और पुष्पा (30) को गिरफ्तार किया गया है।
तीनों आरोपी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर गढ़ी बिल्लौदा गांव के रहने वाले हैं। मिश्रा ने बताया कि बागरी ने पहले सज्जन बाई नाम की अन्य महिला से भी शादी की थी। 12 साल पहले प्रसूति के वक्त सज्जन बाई की मौत हो गयी थी। स्कूल बस ड्राइवर को इस महिला से दो बेटियां थीं। लेकिन बेटे की अंधी चाह में उसने और दो और शादियां कीं। फिर भी उसे दोनों पत्नियों से संतान नहीं हो पा रही थी। आरोप है कि 9 जून को बागरी और उसकी बीवियों संतोष और पुष्पा ने एक तांत्रिक की सलाह पर गढ़ी बिल्लौदा गांव के अपने पड़ोसी के 2 वर्षीय बच्चे यश को अगवा किया और उसे अपने घर में छिपा दिया। बाद में मासूम की हत्या कर दी गई।
डीआईजी ने आरोपियों से हुई पूछताछ के हवाले से बताया कि तंत्र क्रिया के नाम पर 9 जून की देर रात बागरी और उसकी बीवियों ने कागज में लगायी जाने वाली नुकीली पिनें मासूम बच्चे के अलग-अलग अंगों पर बेरहमी से चुभानी शुरू कर दी। दर्द से परेशान बच्चा जब बुरी तरह रोने लगा तो कपडे़ से उसका मुंह दबा दिया गया, ताकि उसकी चीखें घर से बाहर न जा सके। दम घुटने से बच्चे की जल्द ही मौत हो गयी। लेकिन उसके शरीर के साथ करीब तीन घंटे तक अमानवीय बर्ताव किया गया।