नई दिल्ली |
चीन के साथ सीमा विवाद और कश्मीर के हालात पर सभी विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को साथ देने का भरोसा दिया है। सरकार ने विपक्षी नेताओं को बताया कि चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सड़कों का निर्माण कर देश के रणनीतिक हितों को बाधित कर रहा है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री अरण जेटली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल तथा विदेश सचिव एस जयशंकर समेत शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के सत्र से पहले विपक्ष के नेताओं को जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि डोभाल और जयशंकर ने कांग्रेस, वामपंथी दलों, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं के सामने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि भारतीय सेना का भारत-भूटान-चीन ट्राईजंक्शन में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ गतिरोध चल रहा है।
शीर्ष मंत्रियों ने विपक्ष के नेताओं को बताया कि डोभाल 26-27 जुलाई को चीन जाएंगे और चीन के वार्ताकारों के सामने भारत का पक्ष रखेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोकलाम के हालात पर राजनीतिक दलों को वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों की आेर से ब्रीफिंग में कूटनीति के माध्यम से भारत और चीन के साझेदारी रखने के महत्व को रेखांकित किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, बैठक में शामिल हुए सभी दलों ने भारत के रुख का पूरा समर्थन किया और राष्ट्रीय एकता की जरूरत पर जोर दिया। कूटनीति के माध्यम से भारत और चीन के साझेदारी रखने के महत्व को रेखांकित किया गया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि उनकी पार्टी ने सरकार की नीति को लेकर कुछ संदेह प्रकट किए हैं लेकिन स्पष्ट किया कि राष्ट्र प्रथम है-चीन हो या कश्मीर।