श्रीनगर |
श्रीनगर में आतंकवादी सज्जाद गिलकर के शव को इस्लामिक स्टेट के झंडे में लपेटकर दफनाया गया। यह अपनी तरह का पहला मामला है। इसके अलावा उसके जनाजे में इकट्ठे हुए सैकड़ों लोगों ने हिजबुल मुजाहिदीन के मारे गए कमांडर बुरहान वानी और उसके साथी जाकिर राशिद उर्फ मूसा की तस्वीरों के साथ आईएस के झंडे फहराए। इससे पहले भी एक आतंकवादी के मारे जाने पर उसके शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटकर दफनाया गया था।
सज्जाद श्रीनगर का रहने वाला था। उसे बुधवार को सुरक्षा बलों ने हिजबुल के दो अन्य आतंकवादियों के साथ एक मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने बताया कि डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की भीड़ द्वारा की गई हत्या में उसकी बड़ी भूमिका थी। गिलकर को दफनाने की सारी प्रक्रिया जामिया मस्जिद में हुई जहां पर 22 जून को डीएसपी पंडित की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
पुलिस अयूब पंडित की हत्या के लिए गिलकर को दोषी बता रही है, हालांकि इस मामले में एसआईटी को अभी रिपोर्ट दाखिल करना बाकी है। पुलिस ने कहा कि गिलकर 22 जून के बाद अंडरग्राउंड हो गया था और फिर हिजबुल में शामिल हो गया था। इसके अलावा इसी साल 2 अप्रैल को नौहट्टा में सीआरपीएफ पर हुए ग्रेनेड हमले में, सफकादल में 11 जून को सीआरपीएफ कैंप पर हमले और 30 अप्रैल 2017 को खन्यार में पुलिस पार्टी पर हुए हमले में भी गिलकर शामिल था।