नई दिल्ली |
तीनों सेनाओं में तालमेल और सरकार को सैन्य मसलों पर सिंगल पॉइंट सलाह के लिए अरसे से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति की मांग होती रही है। इस बीच रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार को स्पष्ट अहसास है कि सेनाओं से जुड़े मुद्दे को लंबे समय के लिए नहीं टाला जा सकता है, सरकार फैसले वाला रुख अपनाएगी।
करगिल की जंग के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ़ की नियुक्ति की सख्त जरूरत महसूस की गई, लेकिन सेनाओं के अंदर इस बात को लेकर अलग-अलग विचार रहे हैं। जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में देहरादून में हुए कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इस पर चर्चा की गई थी। इस साल अप्रैल में तीनों सेनाओं की संयुक्तता के लिए नए तरीके से मूलभूत सिद्धांत जारी किए गए थे।
माना जा रहा है कि संयुक्तता से क्षमता बढ़ेगी, संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल होगा और धन की बचत हो सकेगी। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने राजधानी दिल्ली में सोमवार को राजधानी में यूनिफाइड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसमें तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा राज्य मंत्री, सैन्य बलों और रक्षा मंत्रालय के बड़े अधिकारी मौजूद थे। इस सम्मेलन में तीनों सेनाओं के बीच जॉइंटनेस के मुद्दे पर चर्चा का मौका मिलता है। इस बार भी ऑपरेशनल तालमेल और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई।