बीजापुर।
तेंदूपत्ता लेव्ही वसूली के बावजूद आर्थिक तंगी से गुजर रहे माओवादियों ने बीजापुर जिले के बासागुड़ा इलाके में नया और सरकारी कर्मचारियों के लिए जानलेवा फरमान जारी किया है। नक्सलियों के नए फरमान के अनुसार इलाके में काम काम कर रहे सभी विभागों के कर्मचारियों को अपना एक माह का वेतन नक्सलियों को देना होगा।
नहीं देने की स्थिति में अंजाम भुगतने की धमकी तक दी गई है,वहीं इस फरमान के बाद पैसे देकर अपनी जान बचाने के लिए सरकारी कर्मचारी ब्याज में पैसे लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं और कुछ लोगों ने तो नक्सलियों तक अपना पैसा पहुंचा दिया है। इस फरमान के बाद बासागुड़ा इलाके पदस्थ सभी सरकारी कर्मचारियों में दहशत का माहौल व्याप्त है।
नक्सलियों द्वारा बासागुड़ा इलाके में किसी गुप्त जगह पर बैठक आयोजित कर मौखिक रूप से इस फरमान को जारी करने की खबर के बाद जब नईदुनिया ने इस खबर की पड़ताल की तो ऐसे 10 से 12 कर्मचारियों से मुलाकात हुई जो इस फरमान के बाद बासागुड़ा इलाके में अपनी पोस्टिंग को कोसते हुए दहशत के साये में दिन और नौकरी काट रहे हैं।
उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हाल ही में बासागुड़ा इलाके के जंगल में नक्सलियों ने सरकारी कर्मचारियों,वाहन मालिकों और व्यापरियों की एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें व्यापारी और वाहन मालिकों को सालाना पैसों की मांग की गयी जबकि सरकारी कर्मचारियों के लिए स्पष्ट और नया फरमान जारी करते हुए कहा गया कि सभी कर्मचारियों को अपना एक माह का वेतन माओवादियों को देना होगा अगर ऐसा नहीं किया गया तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें और उसके जिम्मेदार वे स्वयं होंगे।
बताया जा रहा है की अपनी जान बचाने के लिए कर्मचारी ब्याज में पैसे लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं,जबकि कुछ कर्मचारी समूह में पैसे जमा कर 50-50 हजार रुपए की राशि नक्सलियों को दे चुके हैं। विदित हो की हाल ही में नक्सलियों का तेंदूपत्ता लेव्ही वसूली का लाखों रुपए तेलंगाना में पकड़ा गया था जिसके बाद तेंदूपत्ता ठेकेदार भी सतर्क हो गए और नक्सलियों तक पहुंचाने वाले कमीशन पर ठेकेदारों ने रोक लगा दी।
इसके चलते नक्सलियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी और अब नक्सली पैसों के लिए हाथ-पैर मारने लगे हैं। ख़ुफिया रिपोर्ट के अनुसार तेंदूपत्ता सीजन में नक्सलियों की सालाना टर्न ओवर 15 सौ करोड़ की है परंतु इस साल इनके वसूली की ग्राफ गिरने की खबर है जिसके चलते इस नुकसान को पूरा करने नक्सलियों ने सरकारी कर्मचारियों से वसूली कर अपने सालाना लक्ष्य को पूर्ण करने की नयी स्कीम निकाली है।