नई दिल्ली |
गोरक्षा का मुद्दा जोर पकड़ने से केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को दलित वोटरों या नॉर्थ-ईस्ट में बीफ खाने वालों और केरल जैसे राज्यों के लोगों को नाराजगी दूर करने के लिए उपाय करना पड़ रहा है। बीजेपी इन जगहों पर अपनी राजनीतिक मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि चूंकि गोरक्षा का मामला आस्था और सिद्धांत का है, लिहाजा किसी भी कीमत पर इसका त्याग नहीं किया जा सकता। हालांकि, इससे बीजेपी के लिए दलितों को लेकर खतरा पैदा हो गया है।
गुजरात के ऊना और राजस्थान के अलवर में कथित गोरक्षकों ने दलितों के साथ बर्बर हरकतें की हैं। इसके अलावा, केरल और नॉर्थईस्ट में अपना आधार बढ़ाने की बीजेपी को कोशिशों पर भी बुरा असर पड़ेगा, क्योंकि इन हिस्सों में बीफ खाना भावनात्मक मुद्दा नहीं है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार से केरल के तीन दिनों के दौर पर हैं। दूरदराज के इलाकों में आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता इस मेसेज के साथ दलितों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं कि उनका अधिकार इन दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के लिए काफी अहम है और गोरक्षकों की तरफ से उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तरह की हिंसा की निंदा करते हुए बयान जारी किया था।