प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे से हमारे पड़ोसी देशों को झटका लगा है। दरअसल, रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन ने ऐलान किया कि भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति को लेकर प्रीकान्ट्रैक्ट तैयारियां जारी हैं। उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि इसमें और कितना समय लगेगा। फिलहाल सरकारों के बीच एक समझौता है और अब हम शर्तों पर सामान्य रूप से चर्चा कर रहे हैं। चीन पहले ही रूस से ये मिसाइल खरीदकर अपनी सेना में शामिल कर चुका है। इसलिए कहा जा सकता है कि किसी भी तरह के हमले से बचने के लिए भारत का इस मिसाइल को खरीदना जरूरी था। इसे हासिल कर लेने के बाद हमारी सेना पाकिस्तान और चीन की 36 परमाणु मिसाइलों को एक साथ गिरा सकेगी।
क्या है इसकी खासियत?
एस-400 त्रिउंफ, एक विमान भेदी मिसाइल है। यह रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो वर्ष 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी। इन मिसाइलों से विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा जमीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है। ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं।