इंदौर।
क्राइम ब्रांच ने एक साल से फरार चल रहे ऑनलाइन सट्टा किंग को मुंबई से गिरफ्तार किया है। 20 हजार का इनामी सट्टा किंग भारत के 7 राज्यों सहित 15 देशों में सट्टा चलवाता था। उसकी तलाश मुंबई और दिल्ली क्राइम ब्रांच को भी थी।
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, सट्टा किंग रमेश चौरसिया, घासवाला स्टेट तारेदव मुंबई का रहने वाला है। उसे लोधा ब्लॉसिम्स लोवर परेल मुंबई से मंगलवार को पकड़ा गया। उस पर 7 राज्यों में 14 केस दर्ज हैं।
अब क्राइम ब्रांच उस पर आईटी एक्ट का भी केस दर्ज करेगी। रमेश ने कबूला कि सट्टा से उसका सालाना टर्न-ओवर 200 करोड़ रुपए से ज्यादा होता है। मध्य प्रदेश में इंदौर, बड़वानी, उज्जैन, रतलाम, मुरैना, ग्वालियर, दतिया और धार सहित कई जिलों में उसका नेटवर्क है। उसके देशभर में 100 से ज्यादा एजेंट फैले हुए हैं।
बच्चों को गेम खिलाने से की शुरुआत
बीकॉम करने के बाद उसने बच्चों को गेम खिलाने का एक छोटा स्कूल खोला था। भीड़ बढ़ने लगी तो रुपए से गेम खिलाना शुरू किया। फिर उसने बच्चों की छुट्टी की और बड़े लोगों को गेम में शामिल किया। उसके बाद तो खुद एक सॉफ्टवेयर बनवाकर 1996 में चौरसिया लीसिंग एंड फाइनेंस प्रालि. कंपनी खोल ली। उसने करोड़ों रुपए कमाना शुरू कर दिए। उसका ऑफिस तारदेव में था जो अब बदल दिया गया है। 15 से ज्यादा लोगों का स्टाफ सिर्फ ऑफिस में रहता था।
ऐसा सॉफ्टवेयर बनवाया, जिसमें खिलाड़ी की हार तय
रमेश ने कबूला कि उसने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनवाया था कि उसमें ग्राहकों का हारना तय होता था। उसने हर इलाके में अपने एरिया मैनेजर और दुकानदार तय कर रखे थे। एरिया मैनेजर दुकानदारों के पास जाते, नए क्लाइंट बनाते और रुपए लेकर आईडी बनाते थे।
उन्हें एक सॉफ्टवेयर के मार्फत गेम डाउनलोड करते थे। एक रुपए पॉइंट के हिसाब से गेम खिलाया जाता था। दुकानदार को 50 प्रतिशत, एरिया मैनजर को 10 प्रतिशत और बाकी का हिस्सा रमेश चौरसिया को जाता था।
कंपनी ऐसे आदमी को ही एरिया मैनेजर बनाकर आईडी देती थी, जिसका रोजाना का गेम 5 करोड़ रुपए तक होता था। रमेश ने कबूला कि उस पर जालंधर, मेरठ, समता नगर (मुंबई), ऑर्थर रोड, कांदिवली (मुंबई), लक्ष्मी नगर (दिल्ली), लुधियाना, फरीदाबाद, नागपुर, उल्लास नगर, नोएडा, फिरोजपुर, इंदौर, उज्जैन में केस दर्ज हैं।