हरदा।
मां नर्मदा के संरक्षण के लिए शिवराज सरकार नर्मदा यात्रा निकाल रही है… जीवित इंसान का दर्जा देने के लिए विधेयक लाने जा रही है…लेकिन यह तस्वीर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है।
भोपाल जिले से करीब 160 किमी दूर हरदा जिले के छीपानेर में रेत माफिया ने नर्मदा नदी के बीचोंबीच अस्थायी सड़कें बना दी हैं। एक-दो नहीं, बल्कि 28 सड़कें।
माफिया इन सड़कों से पानी के बहाव को रोकते हैं और रेत का अवैध उत्खनन करते हैं। रेत से भरे डंपर बेधड़क यहां दिन-रात दौड़ते रहते हैं।
यही नहीं, पोकलेन मशीन की मदद से बीच नदी से रेत का उत्खनन कर ठेकेदार एनजीटी के आदेशों का भी खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। सालों से ऐसा चल रहा है। उसके बावजूद कलेक्टर श्रीकांत बनोठ सिर्फ इतना कहते हैं कि ऐसी जानकारी मिली है, प्रशासनिक टीम कार्रवाई करेगी।
सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में राष्ट्रीय नदी, जल और पर्यावरण संरक्षण कार्यशाला में कहा था कि उत्खनन में वैध और अवैध दोनों हैं। शोषण और दोहन में अंतर है। एक निश्चित मात्रा में अगर जो चीज निकाली जा सकती है तो उसे निकालना गलत नहीं है। ऐसे में अब मुख्यमंत्रीजी ही बता सकते हैं कि यह नदी का दोहन है या शोषण।