नई दिल्ली।
मोदी सरकार एक नई पॉलिसी पर काम कर रही है, जिसके तहत वाहनों से किलोमीटर के हिसाब से टोल टैक्स वसूला जाएगा। यानी उस टोल रोड़ पर वाहन जितने किमी चला है, यात्री को उतनी ही दूरी का टैक्स देना होगा।
मौजूदा व्यवस्था में वाहनों से पूरे टोल रोड का टैक्स वसूला जाता है। अलग-अलग श्रेणियों के वाहनों के लिए रकम पूर्व निर्धारित है। इस बात का कोई फर्क नहीं है कि किसी वाहन ने पूरी टोल रोड़ का उपयोग किया है या उसके एक हिस्से का।
‘ओपन टोल पॉलिसी’ Vs ‘क्लोस्ड टोल पॉलिसी’
– वर्तमान में लागू टोल पॉलिसी को ‘ओपन टोल पॉलिसी’ कहा जाता है। इसमें औसतन 60 किमी के सफर पर एक निश्चित राशि का शुल्क वसूला जाता है।
– अब सरकार ‘क्लोस्ड टोल पॉलिसी’ लाने पर विचार कर रही है। इसके तहत यात्री प्रति किमी के हिसाब से शुल्क चुका सकेंगे।
– कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद यह व्यवस्था देश के सभी हाईवे और एक्सप्रेस वे पर लागू होगी।
– योजना को ऐसे समय मूर्त रूप देने की कोशिश की जा रही है, जब देश के नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स में लगातार बढ़ोतरी की शिकायतें आ रही हैं। इससे लोगों का यात्रा खर्च बढ़ रहा है। मालूम हो हाईवे पर टोल टैक्स हर साल तय किया जाता है।
– सड़क तथा परिवहन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, योजना सबसे पहले 135 किमी के नए ईस्टर्न एक्सप्रेसवे पर लागू की जाएगी, जो दिल्ली होते हुए हरियाणा और उत्तरप्रदेश को जोड़ता है।
– पिछले हफ्ते इंडिया इंटेग्रेटेड ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स समिट में सड़क तथा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस योजना के संकेत दिए थे।