राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मीडिया से अनुरोध किया है कि वे घाटी के लोगों के खिलाफ घृणा फैलाने वाली चर्चाएं टीवी पर ना दिखाए। क्योंकि इससे राज्य के लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी करने में कुछ छात्रों का हाथ जरूर है लेकिन इसके लिए सभी छात्राओं को गुनहगार समझा नहीं जा सकता। अगर सारे छात्र पत्थरबाजी करते होते तो हाल ही में निकले परिणाम में इतने छात्र पास ही ना होते।
उल्लेखनीय है कि कश्मीर में छात्रों के साथ-साथ अब छात्राएं भी पत्थरबाजी करने पर उतर आई हैं। सोपोर में छात्राओं द्वारा किए जा रहे हिंसक प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें 8 छात्र घायल हुए और 20 छात्राएं बेहोश हो गईं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब स्कूल की यूनिफॉरम पहन कर छात्राएं इस तरह से हिंसक प्रदर्शन में शामिल हुई हैं। इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।