नई दिल्ली |
म्यांमार से रोहिंग्या शरणार्थियों के विस्थापन के बाद अवैध रूप से भारत में उनके प्रवेश की आशंका और बढ़ गई है। भारत की तरफ से रोहिंग्या समस्या पर कड़ा रुख दिखाया गया है। बीएसएफ ने ऐसी 50 जगहों को चिह्नित किया है जहां से रोहिंग्या मुस्लिम भारत में घुसपैठ कर सकते हैं। इन जगहों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा असम में रोहिंग्या शरणार्थियों की घुसपैठ की आशंका के मद्देनजर हाई अलर्ट की स्थिति है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल से लगती हुई भारत-बांग्लादेश सीमा पर रोहिंग्या मुस्लिमों के अवैध प्रवेश को रोकने के लिए चौकसी बढ़ा दी है। बीएसएफ के महानिरीक्षक (दक्षिण बंगाल) पीएसआर अंजनेयुलु ने बताया, ‘पहले हमने 22 संवदेनशील स्थानों की पहचान की थी लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 50 हो गई है। ये स्थान संवेदनशील हैं, जहां से बांग्लादेशी और रोहिंग्या, दोनों ही सीमा पार करके भारत में आ सकते हैं। हमने अपनी चौकसी बढ़ा दी है।’
संवेदनशील इलाकों में पेत्रापोल, जयंतीपुर, हरिदासपुर, गोपालपारा और तेतुलबेराई भी शामिल हैं। दक्षिणी बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में 175 रोहिंग्या को पकड़ा गया था, जिनमें से सात को इसी साल पकड़ा गया है। रोहिंग्या की पहचान करने और उनके स्थान का पता रखने के लिए बीएसएफ अपने स्थानीय सूत्रों को बढ़ा रही है और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी काम कर रही है।
भारत-बांग्लादेश की कुल 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा में से 2,216 किलोमीटर सीमा पश्चिम बंगाल में है। रोहिंग्या शरणार्थियों को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अवैध प्रवासी बताते हुए कहा था कि इनका देश में रहना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है। उधर, असम में भी रोहिंग्या शरणार्थियों के अवैध प्रवेश की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट है।