नई दिल्ली |
देश की इकॉनमी में स्लोडाउन की आहट ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सरकार को लग रहा है कि इकॉनमी की ग्रोथ को नहीं बढ़ाया गया, महंगाई को काबू में नहीं किया गया तो उसे आर्थिक मोर्चे के साथ-साथ राजनीतिक मोर्चे पर भी नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में उच्चस्तरीय बैठक में मंथन किया गया।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में इन सवालों के जवाब तलाशने की कवायद हुई कि क्या नोटबंदी के वाकई असर इकॉनमी पर पड़ा है? जीएसटी का इकॉनमी और मार्केट पर कितना असर हुआ है? क्या जीएसटी से महंगाई बढ़ रही है? सूत्रों के मुताबिक, जेटली ने कहा कि इकॉनमी को मजबूत करने के लिए सकारात्मक सोच और ठोस कदमों की जरूरत है। इसके लिए सभी मंत्रालयों को मिलकर काम करना होगा। बैठक में मैन्युफैक्चरिंग, पावर, रोजगार वाले सेक्टरों को प्रोत्साहन पैकेज देने पर भी विचार किया गया। समीक्षा में जेटली के अलावा वाणिज्य मंत्री, रेल मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष आदि भी शामिल हुए। पहले यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेनेवाले थे।
इकॉनमी में सुस्ती से ‘डरी’ मोदी सरकार, मंथन
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