मुंबई |
महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच सियासी तकरार बेहद रोचक हो गया है। एक तरफ शिवसेना ने केंद्र की मोदी सरकार और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी है तो वहीं शिवसेना के ही 25 विधायकों को पार्टी आलाकमान का यह फैसला रास नहीं आ रहा है।
शिवसेना के कुल 63 विधायकों में से 25 विधायकों ने साफ कहा है कि वे फडणवीस सरकार से समर्थन लेने के संभावित फैसले से कतई सहमत नहीं हैं। सोमवार को शिवसेना प्रमुख उद्भव ठाकरे की ओर से बुलाई गई मीटिंग में इन विधायकों ने पार्टी के ऐसे किसी भी कदम का पुरजोर विरोध किया। इस बैठक में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का विरोध, मौजूदा सियासी तकरार और अन्य कई अहम मसलों पर चर्चा हुई। इसमें शिवसेना के सांसदों, विधायकों और मंत्रियों ने शिरकत की।
इस दौरान सभी विधायकों और सांसदों को अपना मोबाइल फोन मीटिंग हॉल में प्रवेश करने से पहले ही जमा करने को कहा गया। हालांकि कुछ विधायक फोन मीटिंग में ले जाने में कामयाब रहे और मीडिया को साफ पता चल गया कि अंदर क्या चल रहा है।