धार ।
हम अपने मकान और दुकानों को हटाकर निसरपुर और डूब की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं। ट्रिब्यूनल के मुताबिक दुकानों की भी अनुदान राशि सरकार को देनी है। ऐसे में बिना अनुदान राशि व बिना पुनर्वास में व्यापारियों को सुविधा दिए बिना हमें हटना नहीं है।
यह बात नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने सोमवार को निसरपुर में सभा में कही। दोपहर में दो बजे मेधा निसरपुर पहुंचीं। वहां उन्होंने 20 मिनट तक निचली बस्ती को किनारे से देखा। वहां रविवार के मुकाबले निसरपुर में आज जलस्तर स्थिर बना रहा।
इसके बाद मेधा ने बस स्टैंड पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ट्रिब्यूनल ने यह तय कर रखा है कि जो दुकानें डूब में आएंगी उनमें एसी व एसटी वर्ग को 49 हजार व सामान्य वर्ग को 33 हजार की अनुदान राशि देना होगी। उसके साथ ही पुनर्वास में व्यवसाय के लिए सभी सुविधा देनी होगी।
आदर्श पुनर्वास कर दो, हम हटने को तैयार हैं
सभा में गत दिनों निसरपुर की निचली बस्ती में खटिया पर बीमार बैठे मोहन प्रजापति की पुत्री माया ने बताया कि दो दिन पहले हमें यह कह कर हटा दिया कि आप का पैसा मिल जाएगा पर आज तक नहीं मिला है। हम धर्मशाला में रह रहे हैं।
उसके बाद मेधा पाटकर ने कहा कि प्रशासन और सरकार लोगों को झूठ बोलकर हटाना बंद करे। हमें आदर्श पुनर्वास कर दो हम हटने को तैयार हैं और अब तो प्रकृति भी हमारा साथ दे रही है वहीं उन्होंने कहा कि गुजरात के बांध के समीप के पुनर्वास स्थलों में अभी तक पेयजल व्यवस्था नहीं हो पाई, जबकि वे लोग बरसों से वहां रह रहे हैं। यही हाल हमारे पुनर्वास स्थलों के है प्रशासन ने तो अब पुनर्वास स्थलों पर काम करना ही बंद कर दिया है।