श्योपुर।
मप्र पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बांटे गए वेतन में ऐसी विसंगति सामने आई हैं, जिसने पूरी व्यवस्था को हिला दिया है। पंचायत विभाग ने पिछले 10 महीनों में प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिवों को वेतन में लगभग 1 अरब 21 करोड़ रुपए ज्यादा बांट दिए है।
विभाग के पीएस राधेश्याम जुलानिया ने यह गड़बड़ी पकड़ी है। इसके बाद प्रदेशभर के पंचायत सचिवों से वेतन में अधिक बांटी गई राशि की वसूली शुरू हो गई है। एक पंचायत सचिव से 53 हजार रुपए से ज्यादा वसूल होने हैं।
गौरतलब है कि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने जुलाई महीने में ग्राम पंचायत सचिवों का वेतन 5300 रुपए कम कर दिया था। ग्रापं सचिवों सहित कई संगठनों ने इसका विरोध किया और वेतन में कटौती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच विभाग ने एक निर्देश जारी कर दिया कि, ग्रापं सचिवों को 10 महीने से ज्यादा वेतन मिल रहा है।
विभाग के अनुसार पंचायत सचिवों का वेतन 14 हजार 646 रुपए है लेकिन, किसी विसंगति के कारण अक्टूबर 2016 से पंचायत सचिवों को 19 हजार 770 रुपए वेतन दिया जा रहा है। यानी एक पंचायत सचिव को 5324 रुपए का वेतन हर महीने ज्यादा मिला है। यह वेतन अक्टूबर 2016 से जुलाई 2017 तक मिला।
यानी 10 महीने में एक पंचायत सचिव को 53 हजार 240 रुपए का वेतन ज्यादा दे दिया गया। पूरे प्रदेश में 22 हजार 824 ग्राम पंचायत सचिव हैं। इस हिसाब से 10 महीने में पूरे प्रदेश में लगभग 1 अरब 21 करोड़ 51 लाख रुपए का वेतन सचिवों में ज्यादा बंट गया है। सरकार अब सचिवों से वेतन में ज्यादा दी गई राशि को वसूल करेगी।