नई दिल्ली |
घाटी को सुलगाने का नापाक मंसूबा पाले हुए आतंकियों से निपटने के लिए भारतीय एजेंसियों ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है। इसी पर आगे बढ़ते हुए अब आतंकियों की तलाश कर उन्हें ढेर किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि उनका जोर इस बात पर है कि आतंकी संगठन जिस भी दहशतगर्द को हमलों की जिम्मेदारी सौंपे, उसे उसके नापाक मंसूबे में कामयाब करने के लिए ज्यादा वक्त ही न दिया जाए। ऐसे में सुरक्षा बलों और केंद्रीय एजेंसियों की पूरी कोशिश रहती है कि शीर्ष कमांडर को उसके ऑपरेशन की दिशा में ज्यादा कुछ करने ही नहीं दिया जाए, जिससे आतंकी संगठन में एक हताशा का माहौल पैदा होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस को स्थानीय लोगों से पूरी मदद मिल रही है, जिससे सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं।
आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का ये मास्टर प्लान कामयाब होता दिख रहा है। आंकड़े इसके गवाह हैं। अबू इस्माइल को ढेर करने के साथ ही इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में मारे गए कुल आतंकियों की तादाद बढ़कर 147 हो गई है, जबकि पिछले साल कुल 150 आतंकी मारे गए थे। केंद्रीय एजेंसियां जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तैयार बेहतरीन मुखबिरों को इसका पूरा श्रेय देती हैं। अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के पास हमेशा से खुफिया जानकारी जुटाने का एक अच्छा नेटवर्क रहा है लेकिन पत्थरबाजी जैसी स्थानीय घटनाओं से काफी मुश्किल पैदा हो जाती थी। पुलिस को इन प्रदर्शनों से निपटने में अपनी पूरी ताकत झोंक देनी पड़ती थी, पर अब घाटी की फिजा बदल रही है।