नई दिल्ली |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिंदुत्व का मतलब यह नहीं है कि किसी को क्या पहनना या खाना चाहिए, बल्कि दूसरे कैसे हैं उसे स्वीकार करना है। उन्होंने साफ किया कि संघ बीजेपी को नहीं चलाता और बीजेपी संघ को नहीं चलाती। हम स्वतंत्र रहकर एक स्वंयसेवक के तौर पर एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं और विचारों को साझा करते हैं। दोनों को ही अलग निर्णय लेने को आजादी है।
इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में डिप्लोमैट्स को संबोधित करने के दौरान मोहन भागवत का यह बयान बेहद मायने रखता है। असहिष्णुता और मॉरल पुलिसिंग को लेकर हो रही राजनीतिक बहस के बीच संघ प्रमुख ने स्पष्ट किया कि हिंदुत्व का मतलब फूड और ड्रेस कोड्स बिल्कुल नहीं है। इस दौरान आरएसएस चीफ ने 50 से अधिक विदेशी राजनयिकों से मुलाकात की।
मोहन भागवत ने बताया कि कभी-कभी संघ और बीजेपी का कॉमन अजेंडा होता है, लेकिन यह नैचरल है और इसका निरीक्षण नहीं किया जाता है। संघ हमेशा बेहतर इंसान बनाने के मिशन पर काम करता आया है। संघ स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 1.70 लाख सेवा कार्यों का संचालन करता है। उन्होंने विदेश राजनयिकों से संघ के शाखा में आने का भी न्योता दिया।