नई दिल्ली।
अब वो दिन दूर नहीं जब भारत में बनी तोप की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देगी। डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी डीआरडीओ ने देशी आर्टिलरी गन सिस्टम एटीएजीएस बनाया गया है। पोकरण की टेस्ट रेंज में इस आर्टिलरी गन से निकले गोले ने 47 किलोमीटर दूर लक्ष्य को ध्वस्त कर दिया।
इसकी क्षमता परखने के लिए तीन बार गोले दागे गए जो 47 किलोमीटर दूर जाकर गिरे। जो शायद दुनिया की किसी भी आर्टिलरी गन से ज्यादा है। टेस्ट के दौरान 52 कैलीबर और 155 मिलीमीटर की इस तोप ने नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान इसमें लंबी दूरी तक मार करने वाला उच्च क्षमता का एक्सप्लोसिव राउंड इस्तेमाल किया गया।
दुनिया भर में इस्तेमाल होने वाली 155 मिलीमीटर गन के गोले की दूरी 45 किलोमीटर से ज्यादा नहीं होती है। ऐसे में इस देशी गन ने अपनी ताकत दिखाकर दुनिया के सामने देश का लोहा मनवा दिया है।
जानकारों के मुताबिक ATAGS (Advanced Towed Artillery Gun System) के गोले के इतनी दूर गिरने के पीछे वजह है इसका पच्चीस लीटर का चेंबर होना। चेंबर की लंबाई-चौड़ाई ज्यादा होने की वजह से इससे उच्च क्षमता वाले गोले दागे जा सकते हैं। बाकी 155 मिलीमीटर की दूसरी आर्टिलरी गन में 23 लीटर का ही चेंबर होता है। ये गन इस लिहाज से भी खास है,क्योंकि दूसरी तोपों से अलग इसमें 6 राउंड फायर करने के हिसाब से मैगजीन लगी है।
डीआरडीओ द्वारा एडवांस्ड टाउड आर्टिलेरी गन सिस्टम को तैयार करने में टाटा पावर एसईडी और भारत फोर्ज ने डीआरडीओ की मदद की है।
इस गन की मदद से भारत की आर्टिलरी क्षमता बढ़ जाएगी, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान करगिल युद्ध के दौरान उठाना पड़ा था। ऐसे में अब इस गन की गूंज से दुश्मन जरूर थर-थर कांपेगा।