नई दिल्ली।
आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब रक्षा और विदेश मंत्रालय की कमान महिलाओं के हाथ में आई है। रविवार को निर्मला सीतारमन भारत की दूसरी महिला रक्षा मंत्री बन गईं। इससे पहले 1975 में आपातकाल के दौरान और फिर 1980 से 1982 तक इंदिरा गांधी दो बार प्रधानमंत्री के रूप में काम करते हुए इस मंत्रालय को भी आपने पास रख चुकी हैं।
यानी पूर्णकालिक रक्षामंत्री की बात करें, निर्मला सीतारमन तकनीकी रूप से देश की पहली रक्षामंत्री होंगी। सीतारमन अभी तक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का पद संभाल रही थीं। मंत्रालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है।
वहीं, विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज लगातार शानदार काम कर रही हैं। वह वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल की सबसे लोकप्रिय मंत्री हैं। गौर करने की बात यह है कि इंदिरा गांधी भी दो बार विदेश मंत्रालय को अपने पास रख चुकी है। मगर, उन्होंने कभी भी रक्षा और विदेश मंत्रालय, दोनों का काम एक साथ नहीं देखा। इसके अलावा कभी भी दो महिलाओं ने इन दो मंत्रालयों को पहले नहीं देखा है।
गौरतलब है कि मनोहर परिक्कर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के बाद रक्षा मंत्रालय का भार अरुण जेटली पर आ गया था। बदलते वैश्विक घटनाक्रम और पड़ोसी देशों में अस्थिरता को देखते हुए केंद्र सरकार पर दबाव था कि वह किसी मंत्री को रक्षा मंत्रालय का पूर्णकालिक भार दे। वैसे अरुण जेटली भी यह इशारा कर चुके थे वह दो हैवीवेट मंत्रालयों का भार लंबे समय तक नहीं उठा सकते हैं।