नई दिल्ली।
कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन बनाने की कसरत भले कर रही है मगर अपने सबसे पुराने साथियों में शामिल एनसीपी के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव में वह कोई गठबंधन नहीं करेगी।
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सोलंकी के अनुसार एनसीपी सूबे में भाजपा की ‘बी’ टीम की तरह काम कर रही है। ऐसे में एनसीपी के साथ गठबंधन के लिए प्रदेश कांग्रेस तैयार नहीं है। गुजरात कांग्रेस के इस बेबाक रुख को सोलंकी ने बकायदा लिखित रूप में पार्टी हाईकमान को सौंप दिया है।
सोलंकी ने दो दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हुई मुलाकात में कहा भी कि गुजरात में एनसीपी का राजनीतिक अस्तित्व कुछ खास नहीं है। वह कांग्रेस के कंधे पर सवार होकर चुनावी फायदा उठाना चाहती है। मगर हकीकत में गुजरात की एनसीपी इकाई भाजपा को राजनीतिक फायदा पहुंचाने का काम कर रही है और प्रदेश कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता भाजपा की बी टीम से तालमेल नहीं करेंगे।
सोलंकी ने हाईकमान को यह भी बताया कि राज्यसभा चुनाव में एनसीपी के दोनों विधायकों ने भाजपा को तो वोट दिया ही। साथ ही एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल जनता दल यूनाइटेड के एकमात्र विधायक छोटूभाई वसावा को भी भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए फोन कर दबाव डालते रहे। गौरतलब है कि वसावा के एक वोट की वजह से अहमद पटेल को राज्यसभा चुनाव में नजदीकी जीत मिली थी।
गुजरात कांग्रेस के एनसीपी से दूरी बनाने के इस रुख से साफ है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस और एनसीपी के रिश्तों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। विपक्षी दलों के नेताओं की सोनिया गांधी की बुलाई पिछली बैठक में भी एनसीपी शामिल नहीं हुआ था। हालांकि तब शरद पवार के बीमार होने की बात कही गई मगर हकीकत यह भी थी कि पार्टी का कोई प्रतिनिधि बैठक में नहीं आया था। गुजरात चुनाव में एनसीपी से किनारा करने की कांग्रेस की पूरी तैयारी का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि एक सितंबर को प्रदेश के समान विचारधारा वाले दलों के लिए बुलाए गए पार्टी के सम्मेलन में भी एनसीपी को न्योता नहीं दिया गया है।
कांग्रेस-एनसीपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया था और एनसीपी के दो विधायक जीते थे। चुनाव में गठबंधन नहीं करने के कांग्रेस के रुख को देखते हुए एनसीपी ने भी धमकी दी है कि तालमेल नहीं हुआ तो वह 50 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ कांग्रेस का सियासी खेल बिगाड़ने की कोशिश करेगी। एनसीपी की इस धमकी के बावजूद कांग्रेस हाईकमान गुजरात में गठबंधन के लिए राजी होगा इसकी गुंजाइश नहीं दिखती।