लखनऊ |
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने कॉलेज स्टाफ और डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी कर ली है। चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार की रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के डॉक्टर, स्टाफ के साथ ऑक्सिजन सप्लाइ करने वाली कंपनी के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना के बाद मीडिया में छाए डॉक्टर कफील खान पर भी योगी सरकार ऐक्शन के मूड में है।
सरकार ने अडिशनल चीफ सेक्रिटरी मेडिकल एजुकेशन अनिता भटनागर के ट्रांसफर के भी आदेश दिए हैं। भटनागर को डीजी ट्रेनिंग के पोस्ट पर तैनात किया गया है। राजस्व विभाग के रजनीश दुबे को मेडिकल शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। डीजी मेडिकल एजुकेशन केके गुप्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर आशुतोष टंडन की भूमिका पर रिपोर्ट में कोई चर्चा नहीं की गई है।
मंगलवार देर रात तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से सूत्रों ने बताया कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रिंसिपल राजीव मिश्रा और लिक्विड ऑक्सिजन सप्लायर कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार और लापरवाही का केस दर्ज किया जाएगा। इंसेफेलाइटिस वॉर्ड के पूर्व नोडल अधिकारी डॉक्टर कफील खान पर प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए भी एफआईआर की जाएगी।