नई दिल्ली |
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पाइरेसी और कॉपीराइट उल्लंघन को आतंकवादियों की फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का स्रोत बताया। पुलिस ट्रेनिंग कॉलेजों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) पर विशेष पाठ्यक्रम की घोषणा करते हुए गृहमंत्री ने ऐसा कहा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण, आईपीआर और कॉपीराइट उल्लंघन से होने वाले अपराधों के बारे में पुलिसकर्मियों को सचेत करेगा और वे प्रासंगिक कानूनों को सख्ती से लागू करने के लिए तैयार हो सकेंगे। ‘बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के प्रवर्तन की नैशनल वर्कशॉप’ के दौरान अपने भाषण में राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस और कस्टम विभाग जैसी एजेंसियों को इन उल्लंघनों को ‘हल्के में नहीं लेना चाहिए’ क्योंकि उनका सार्वजनिक सुरक्षा और देश की सुरक्षा के साथ सीधा संबंध है।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और अपराधियों द्वारा अवैध तरीके से पैसे बनाने और बाद में आतंक फैलाने के लिए ऐसा किया जा सकता है। यह तीन दिवसीय कार्यशाला वाणिज्य मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही है। बता दें, गृह मंत्रालय देश में आईपीआर अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करता है।