पटना।
बिहार में भाजपा का हाथ थामने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पुराने साथी लालू प्रसाद यादव को लेकर रोज नए खुलासे कर रहे हैं। सोमवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने दोनों पार्टियों के संबंध टूटने से 15 दिन पहले जदयू के विधायकों को तोड़ने की कोशिश की।
नीतीश के खुलासे पर राजद की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, महागठबंधन टूटने के दिनों में बिहार के सियासी हलकों में इस बात को लेकर चर्चा गरम थी और खुद राजद के नेता भी इसे मान रहे थे कि लालू यादव अपने सिसायी दांवपेचों के दम पर जनता दल यूनाइटेड को तोड़ देंगे।
हालांकि लालू के दांव-पेंच जब तक अपना असर दिखाते, उससे पहले ही नीतीश ने सियासी मास्टरस्ट्रोक खेलते हुए भाजपा का हाथ थाम लिया और फिर से एनडीए की सरकार बना ली।
गौरतलब है कि महागठबंधन से अलग होने का फैसला लेते हुए 26 जुलाई को नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को निशाने पर लिया और कहा था कि धन-संपत्ति गलत तरीके से अर्जित करने का कोई मतलब नहीं है।
इसके बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर बिहार में नयी सरकार के गठन का ऐलान किया। नीतीश कुमार के इस फैसले के खिलाफ राजद सुप्रीमो लालू यादव समेत उनका पूरा परिवार मुख्यमंत्री पर लगातार हमलावर है। एक तरफ जहां लालू ने नीतीश पर तमाम आरोप लगाए हैं तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने भी लालू यादव पर बड़ा निशाना साधा है।