नई दिल्ली |
पिछले साल जब मोदी सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया तो अधिकारियों का ध्यान अचानक एक नई चीज की ओर गया। अचानक शेल कंपनियों (फर्जी कंपनियां) का बैंक डिपॉजिट तेजी से बढ़ गया। पहली नजर में ही इस बात का अंदाजा चल गया कि पैसे के असल मालिक को बचाने के लिए फर्जी कंपनियों का सहारा लिया जाने लगा है। मोदी सरकार ने अब इन शेल कंपनियों पर सख्त ऐक्शन लेना शुरू कर दिया है। करीब 2 लाख फर्जी कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया गया है। इसे नोटबंदी का सबसे ठोस प्रत्यक्ष परिणाम माना जा रहा है।
पीएम मोदी के एक शीर्ष सहयोगी ने बताया कि इस चीज के पकड़ में आने के बाद सरकार की आंखें खुल गईं। अभी तक इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति को छिपाने के लिए किस हद तक फर्जी कंपनियों का सहारा लिया जा रहा है।
इस जानकारी के सामने आने के बाद पीएम ऑफिस ने संबंधित उच्च अधिकारियों की एक टीम बनाई। इस टीम को ऐसी फर्जी कंपनियों का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। पिछले महीने अधिकारियों ने करीब 2 लाख शेल कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया था। सरकार के करीबी का कहना है कि अभी करीब एक लाख कंपनियों की जांच चल भी रही है।