गोरखपुर |
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन की कमी की वजह से बच्चों की मौत के बाद अस्पताल में लिक्विड ऑक्सिजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड विवादों में है। हालांकि कंपनी ने दावा किया है कि 69 लाख रुपये बकाया होने के बावजूद वह लिक्विड ऑक्सिजन की सप्लाई कभी नहीं रोकी थी। 10 और 11 अगस्त को 30 बच्चों की मौत के बाद कंपनी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उसने तो कभी सप्लाई रोकी ही नहीं।
पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड की मीनू वालिया ने कहा, ‘पुष्पा सेल्स ने बकाये का भुगतान न होने के बाद भी बीआरडी अस्पताल में लिक्विड ऑक्सिजन जारी रखा। इस महीने की पहली सप्लाई 4 अगस्त को की गई। दोबारा सप्लाई के लिए बीआरडी अस्पताल से 11 अगस्त को अनुरोध किया गया जिसे 12 अगस्त को पूरा कर दिया गया।’ उन्होंने कहा कि कंपनी ने 30 जुलाई को अस्पताल को लीगल नोटिस भी भेजा था और कहा था 63.65 लाख रुपये का बकाया 15 दिनों के भीतर चुकाया जाए। हालांकि ऑक्सिजन की सप्लाई कभी नहीं रोकी गई।
10 अगस्त तक अस्पताल पर पुष्पा सेल्स का बकाया बढ़कर 69 लाख हो गया। पुष्पा सेल्स टैंकर के जरिए एक बार में औसतन 6 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सिजन को बीआरडी अस्पताल पहुंचाती है जिसे अस्पताल के सेंट्रल प्लांट में भरा जाता है। यहां से वार्डों में इसकी सप्लाई की जाती है। अस्पताल के सेंट्रल प्लांट में तैनात एक कर्मचारी ने बताया कि लिक्विड ऑक्सिजन की एक खेप औसतन 6 दिनों तक चलती है और अस्पताल गैस के खत्म होने के 2 से 3 दिन पहले ही अगली खेप के लिए कंपनी को बोल देती है।