लखनऊ |
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नरायण दत्त तिवारी का लखनऊ के अलीगंज सेक्टर-एफ का प्लॉट धोखाधड़ी कर बेचने का मामला सामने आया है। पूर्व सीएम की शिकायत पर एलडीए वीसी प्रभु एन. सिंह ने प्लॉट की दाखिल खारिज को निरस्त कर एलडीए के जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया है। प्लॉट की दाखिल खारिज का पत्र मिलने पर खुद एनडी तिवारी ने एलडीए वीसी से मामले की शिकायत कर हैरानी जताई थी। इस पर वीसी ने ओएसडी से जांच करवाई तो पूरा फर्जीवाड़ा खुला है।
एलडीए के मुताबिक, अलीगंज सेक्टर-एफ का प्लॉट नंबर-38 नरायण दत्त तिवारी के नाम दर्ज है। उन्होंने यह प्लॉट एक हाउसिंग सोसाइटी से लिया था। एलडीए ने यह प्लॉट सोसायटी को बल्क सेल में बेचा, लेकिन प्लॉट की रजिस्ट्री व दाखिल खारिज एलडीए से होती है। प्लॉट व इस पर निर्माण की देखरेख का जिम्मा एनडी तिवारी ने पावर ऑफ अटर्नी भाई के नाम किया था। आरोप है कि भाई ने इसी आधार पर प्लॉट पहले अपने नाम करवाया, फिर किसी ऊषा शर्मा को बेच दिया।
प्लॉट बिकने पर रजिस्ट्री हुई और खरीदने वाले ने दाखिल खारिज का आवेदन किया। बाबुओं ने दाखिल खारिज कर पत्र मूल आवंटी एनडी तिवारी व खरीदार के घर भेजा। इस पर पूर्व सीएम को जानकारी हुई। इसके बाद उन्होंने एलडीए वीसी को पत्र भेजकर कार्रवाई व दाखिल खारिज रद करने की मांग की, हालांकि वीसी की कार्रवाई के बाद पूर्व सीएम के भाई की तरफ से भी मंगलवार को अपना पक्ष एलडीए में रखा गया।