नई दिल्ली |
बुधवार को भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूरे हो गए। इस मौके पर सदन के दोनों सदनों में चर्चा हुई। इस दौरान शरद यादव ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरे दादा-परदादा आजादी की लड़ाई में शामिल थे। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के लिए झांसी की रानी, मंगल पाड़े और भगत सिंह समेत कइयों ने कुर्बानियां दी। उनकी लड़ाई सांझी थी अगर देश सांझा विरासत को याद नहीं रखेगा तो कई तरह के भम्र में पड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि जो मुल्क इतिहास के साथ छेडख़ानी करता है, वह पूरी कौम के साथ छेडख़ानी होती है। विचारों में भिन्नता होती है।
यादव ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि लोकतंत्र गोली से नहीं बोली से चलेगा। जिंदा लोगों की हिफाजत के लिए कोई किताब है तो वह संविधान है। इससे पूर्व लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए गर्व की बात है। जीवन की अच्छी घटनाओं को याद करने से ताकत मिलती है, और नई पीढ़ी तक सही बात पहुंचाना हमारा कर्तव्य रहता है। पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्वर्णिम पृष्ठों को आने वाली पीढिय़ों को पहुंचाना हमारा दायित्व रहता है।