नई दिल्ली |
सत्ता पर काबिज होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त अंदाज में भ्रष्टाचारियों को चेतावनी दी थी कि न मैं खाऊंगा और न ही किसी को खाने दूंगा व ‘न चैन से बैठूंगा, न चैन से बैठने दूंगा’। देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मोदी सरकार सख्त हो गई है और जल्द ही भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कई कड़े फैसले ले सकती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रत्येक मंत्रालय के सतर्कता विभाग को अपने-अपने विभागों के भ्रष्ट अधिकारियों के दस्तावेज तैयार करने को कहा है। इस आदेश के बाद सभी मंत्रालय अपने-अपने विभागों के दस्तावेज बनाने में जुट गए हैं।
गृह मंत्रालय अपने विभाग के अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर दस्तावेज तैयार कर रहा है तो पैरा मिलिट्री फोर्स को भी यह लिखा है कि वे अपनी-अपनी लिस्ट 5 अगस्त तक किसी भी हाल में पूरी कर लें, ताकि आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके। मिली जानकारी के अनुसार भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों से संबंधित डोजियर शिकायत, जांच रिपोर्ट और अधिकारियों के आचरण, नैतिक विषमता, कर्तव्य की उपेक्षा पर आधारित होगी। इसमें इस बात का भी जिक्र होगा कि क्या उस अधिकारी के खिलाफ कभी बड़ा या मामूली जुर्माना लगाया गया था या नहीं।
अधिकारियों के कार्यों और निर्णयों की जांच होगी कि क्या वे अपने आर्थिक लाभों के लिए सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले पदों पर पोस्ट नहीं किया जाए। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई 15 अगस्त के बाद शुरू होगी। भ्रष्ट अधिकारियों की सूची सीबीआई और सीवीसी को भी भेजी जाएगी, जो लिस्ट में शामिल अधिकारियों के आचरण की निगरानी करेंगे। ये लोग इस तरह के अधिकारियों पर कड़ी नजर तो रखेंगे ही और साथ ही साथ उन पर मुकद्दमा चलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे। इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर जुर्माना, नौकरी में डिमोशन या बर्खास्तगी सहित विभागीय कार्रवाई की सिफारिश करेंगे।